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Thursday, October 24, 2024

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खूबसूरत संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों एवं कला जगत की दिग्गज हस्तियों के सम्मान से भास्कर राव संगीत सम्मेलन का भव्य आगाज

खूबसूरत संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों एवं कला जगत की दिग्गज हस्तियों के सम्मान से भास्कर राव संगीत सम्मेलन का भव्य आगाज

खूबसूरत संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों एवं कला जगत की दिग्गज हस्तियों के सम्मान से भास्कर राव संगीत सम्मेलन का भव्य आगाज

प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित 52वें भास्कर राव नृत्य एवं संगीत सम्मेलन का आगाज आज यहां टैगोर थियेटर में हुआ । केन्द्र पिछले सात दशकों से भारतीय कला एवं संस्कृति के प्रचार एवं प्रसार में निरंतर कार्यरत है । देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन केन्द्र की सांस्कृतिक नियमित गतिविधियों में से एक है और इसी कड़ी में केन्द्र अपने वार्षिक बहुआयामी एवं प्रसिद्ध अखिल भारतीय भास्कर राव नृत्य एवं संगीत सम्मेलन के 52वें संस्करण में देश के जाने माने कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करेंगें । हर रोज सांय 6बजे से इस कार्यक्रम का स्टेज से सीधा प्रसारण भी किया जाएगा । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री नितिन यादव गृह सचिव यूटी चंडीगढ़ ने शिरकत की । इस अवसर पर केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर,सचिव सजल कौसर,चेयरमैन एस.के.मोंगा,प्रोफैसर अरूण ग्रोवर इत्यादि भी उपस्थित थे ।

खूबसूरत संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों एवं कला जगत की दिग्गज हस्तियों के सम्मान से भास्कर राव संगीत सम्मेलन का भव्य आगाज

आज के कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्य अतिथि श्री नितिन यादव जी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया ।पारम्परिक द्वीप प्रज्वलन की रस्म के पश्चात कला एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दो हस्तियों को सम्मानित किया गया जिसमें पंजाब के जानेमाने सितार वादक एवं गुरू श्री सुरेंद्र कुमार दत्ता एवं युवा एवं प्रतिभाशाली पत्रकार सुश्री शायदा को क्रमशः पीकेके लाइफटाइम एचीवमैंट एवं पीकेके अवार्ड ऑफ एक्सीलैंस इन जर्नलिज्म से सम्मानित किया गया । इस सम्मान समारोह के बाद केन्द्र द्वारा हर साल प्रकाशित की जाने वाले समरणिका का अनावरण मुख्य अतिथि द्वारा किया गया ।

कार्यक्रम के पहले भाग में प्रसाद खापर्डे द्वारा शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति पेश की गई। जिसमें इन्होंनें पारम्परिक आलाप के बाद राग श्याम कल्याण से कार्यक्रम की शुरूआत की । सबसे पहले इन्होंने विलम्बित एक ताल में निबद्ध जियो मेरे लाल प्रस्तुत की उपरांत एक द्रुत बंदिश जो कि एक ताल से सजी रचना ऐसा तुमको मैं जानत हूॅं प्रस्तुत की । कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रसाद जी ने सोहनी राग में निबद्ध तराना पेश किया । कार्यक्रम के अंत में इन्होंनें ठुमरी पेश की जिसे दर्शकों ने खूब सराहा । इनके साथ तबले पर मिथिलेश झा और हारमोनियम पर धर्म नाथ मिश्रा ने बखूबी संगत की ।

कार्यक्रम के दूसरे भाग में गीता महालिक ने अपने समूह के साथ उड़ीसी नृत्य की खूबसूरत प्रस्तुति पेश की । इन्होंने सबसे पहले भक्तिपूर्ण प्रस्तुति देवी स्तुति पेश की । जिसमें इन्होंने अपने समूह के साथ देवी की आराधना नृत्य द्वारा पेश की ।इसके उपरांत उड़ीसी नृत्य का एक और रूप मीरा भजन पर आधारित हरि ओम शरणम पेश किया । जिसमंे द्रोपदी प्रहलाद एवं गजराज के मोक्ष की कथानक को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया ।

उपरांत एक एकल अभिनय पक्ष पर आधारित एक नृत्य नाटिका कोह रे सजनी पेश की जिसमें नायिका राधा कृष्ण के मिलन के इंतजार में मीठी यादों में खोई है । खूबसूरत भाव एवं चित्रण से सजी इस रचना मेें गीता ने खूब तालियां बटोरी ।

कार्यक्रम के अंत में गीता ने अपने समूह के साथ रामायण पर आधारित एक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की । जिसमें रामायण के छोटे-छोटे कथानकों को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करके खूब वाहवाही लूटी । गीता के समूह में सुशांत महाराना,रजनीकांत मोहंती,संगीता मोहंती,सीपिका नार्वेकर,दपहने तारा,मेघना घोष दस्तीदार ने भाग लिया ।

इसके साथ संगत कलाकारों में प्रसन्ना बेहरा ने गायन, प्रशान्त मोहराना ने पखावज, अफजल जहूर ने वायलिन और निखिल बेहरा ने बांसुरी पर बखूबी संगत की।

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